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हेलो दोस्तों मेरा नाम राजेश कुमार है, HinditoHelp वेबसाइट पे आपका स्वागत है। आजा के इस लेख में हम आप सभी को बताने वाले है जमीन बंटवारे के नियम के बारे में, आजा के इस लेख में जमीन बंटवारे के संपूर्ण नियम का जानकारी दिया जाएगा। दोस्तों पहले के समय में एस होता था की परिवार के सदस्य का आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा कर लिया जाता था, लेकिन आज के जमने में अगर थोड़ा बहुत भी जमीन में गड़बड़ होता है, तो आपस में विवाद ओर लड़ाई, झगड़े होना शुरू हो जाता है, इस लिए इस लिए हम जनेगे की जमीन बंटवारे के नियम क्या हैं, इसका जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।
कभी-कभी परिवार के बिच जमीन को लेकर एस स्थिति हो जाती है कि अपने ही परिवार के सदस्य में विवाद होने लग जाता है, इसी कारण से ज्यादातर लोगों के मन में जमीन बंटवारे को लेकर मन मे सवाल उत्पन होते रहते हैं, ये सभी स्थिति से बचने के लिए लोग जमीन बटवारे के नियम अनुसार ही जमीन का बटवार करना चाहते है।
जमीन बंटवारे के नियम क्या है?, और जमीन बटवारे का कितने नियम है? जमीन बटवारे के सभी नियम निचे स्टेप by स्टेप बात दिया गया है आप इस लेख को पढ़ कर जमीन बंटवारे के नियम को जन सकते है।
जमीन बंटवारे के नियम क्या है?
हम आपको बात दे की अगर किसी व्यक्ति के 2 बेटे हैं या तो 3 बेटे हैं, तो जमीन बंटवारे के वक्त दोनों बेटे का सहमति होनी चाहिए, और जमीन बंटवारे के समय दोनों बेटे का वहां पर उपलब्ध होना भी जरूरी होता है, लेकिन आज के दौर मे देख जाए तो में बहुमत के आधार पर जमीन का बंटवारा किया जाता है।
मेरा कहने के मतलब ये ही की अगर किसी व्यक्ति के 3 बेटे हैं और तीनों बेटों का आपस में सहमत नहीं है, यानी दो बेटों का सहमती है और एक बेटा जमीन बंटवारे से सहमत नहीं है, तो इस समय बहुमत के आधार पे ही जमीन बंटवारे का विवाद को सुलझाया जा सकता है।
Note: दोस्तों हम आपको बात दे की बहुमत के आधार पर आप अपने तीसरे भाई का हक न लेते हुए, ऐसा जमीन का बंटवारा किया जाए कि तीनों भाइयों में जमीन को समान हिस्सों में बाट जाए और जो भी भाई उस बटवारे से सहमत नहीं है, उस भाई का किसी भी प्रकार से नुकसान ना हो, और उसको भी अपना जमीन का पूरा हिस्सा दे दिया जाए, इस प्रकार बहुमत के आधार पर ही बंटवारा किया जाएगा।
जमीन बंटवारे के तरीका
जमीन के बंटवारा मुखयत तीन प्रकार से किया जाता है, जो निम्न प्रकार से है :-
- रजिस्ट्री बंटवारा
- पंचायत बंटवारा
- सहमती बंटवारा
जमीन बंटवारे कैसे किया जाता है?
हमरे देश में जमीन का बटवारा तीन प्रकार से किया जाता है, हम आपको तीनो प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझने का कोशिश करेंगे, जो जमीन बंटवारे के नियम को सरल एवं सुगम बनाता है।
1. रजिस्ट्री बंटवारा
अगर आपको अपना जमीन का बंटवारा सही तरीके से करवाना हो, तो अप अपने जमीन का बटवार रजिस्ट्री बंटवारे के सहायता से करना चाहिए, क्योंकि इस बंटवारे में सभी प्रकार का काम ऑफिशियल तरीके से किया जाता है, यह सबसे मजबूत और ठोस रजिस्ट्री जमीन बंटवारा होता है।
रजिस्ट्री कार्यालय से कुछ ऑफिसर आप का जमीन को चेक करके ही आपका जमीन का बंटवारा करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार दिक्कित बटवारे में न हो।
2. पंचायत बंटवारा
यदि आप सहमति बंटवारे से खुश नहीं है, और आप चाहते है की जमीन का बंटवारा अलग तरीके हो, तो आप अपने पंचायत से जमीन का पंचायत बंटवारा करवा सकते है, पंचायत बंटवारा आपके ही पंचायत के सरपंच द्वारा जमीन का बंटवारा किया जाता है, ऐसे कई सारे केश होते हैं, जिसको सरपंच के द्वारा बंटवारा कर सारे केश को सुलझाने का कार्य किया जाता है।
इस प्रकार से जमीन का बंटवारा करने के लिए आप अपने पंचायत में सरपंच का सहारा ले सकते हो, और आप अपने जमीन का बंटवारा करने के लिए अपने पंचायत में उपस्थित सभी व्यक्ति और सरपंच से अपनी जमीन बंटवारे में सहायता ले सकते हो, और जो भी फैसला पंचयत के द्वारा होगा, वही फैसला को आप सभी भाइयों को मानना पड़ेगा।
3. सहमती बंटवारा
सहमती बंटवारे एक एस बटवार ही जसीमे आपको सबसे आसान और सबसे जल्दी हो जाने वाला बटवार है, क्योंकि सहमति बंटवारे से आपको कोई भी ज्यादा लंबी चौड़ी प्रोसेस करने का जरूरत नहीं पड़ती है। सहमती बंटवारा करने के लिए जिन लोगों के बीच मे बंटवारा करना होता है, उन सभी लोगों को उपस्थित होना बहुत ही जरूरी होता है, जैसे कि अगर किन्ही तीन भाइयों के बिच बंटवारा होना है, तो तीनों भाई को वहां पर होना जरूरी होता है, उसके बाद सभी लोग को एक साथ बैठकर आपस मे चर्चा करते हैं, जिसमें एक बात कर सबको सहमती देना होता है। इस पर सभी लोग का सहमत होते हैं तो उस प्रकार से उन सभी भाई को जमीन का बंटवारा करके दे दिया जाता है,. इसी जमीन बटवार को सहमती बटवारा कहा जाता है।
जमीन बंटवारे के नियम का कानूनी प्रक्रिया से संबंधित कुछ अन्य तथ्य
दोस्तों संपत्ति का बंटवारा करने से पहले आप सभी को यह जान लेना बहुत ही आवश्यक है, कि संपत्ति पर कोई कर्ज या तो कोई अन्य प्रकार का लेन-देन संबंधी बकाया तो नहीं है।
सम्पति का वारिस को बटवारा करने पर उस संपत्ति पर लिए गए कर्ज को उसे ही चूकना पड़ता है, इसपे भी सभी भाइयों का सहमति बहुत ही जरूरी है।
जमीन के वसीयत के अनुसार संपत्ति बंटवारे में किसी भी प्रकार का खामी होने पर कानूनी तरीके से ही उसे सुलझाने का कोशिश करे।
जमीन का वसीयत नहीं लिखे होने पर आप अपने आपसी तालमेल से मिलकर ही संपत्ति का बंटवारा कर ले और किसी भी तरह से विवाद न करे ओर विवाद करने से बचे।
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FAQ
Q. जमीन बंटवारे कितने प्रकार से होते हैं?
जमीन बंटवारे तिन प्रकार से होते है.
- रजिस्ट्री बंटवारा
- पंचायत बंटवारा
- सहमती बंटवारा
Q. जमीन बंटवारे के लिए हमे क्या करना चाहिए?
जमीन के बटवारे करने के लिए सबसे पहले अपने परिवार में सबकी सहमती होना चाहिए। इसके बाद आपसी सहमती से ही जमीन को बराबर-बराबर हिस्सों में बांटें और पेपर भी बनवा ले।
Q. जमीन का बंटवारा कौन करता है?
जमीन का बटवारा शुरूआती अस्तर पे घर में ही होता है, लेकिन परिस्थि सामान्य नही होता है, तो सरपंच के द्वारा भी जमीन का बंटवारा किया जाता है, और यदि यहाँ से भी स्थिति सही नही होता है, तो अंत में कोर्ट द्वारा भी बंटवारा किया जाता है।
Q. जमीन के बंटवारे में कौन-कौन सी धारा लगती है?
जमीन बंटवारे में धारा 116 लगती है, यदि जमीन के बटवारे में किसी प्रकार का कोई परेशानी या धोखाधड़ी होता है, तो पुलिस के द्वारा धारा 116 लगाया जा सकत है।
Conclusion
दोस्तों आज के इस लेख मे हमने जाना की जमीन बंटवारे के नियम क्या है? अगर आप इस लेख को आखरी तक पढे हो तो आपको जमीन बंटवारे के नियम से संबंधित कोई भी परेशानी नहीं होगा फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमे कॉममनेट बॉक्स मे कमेन्ट करके अपने सवाल को पूछ सकते है आपके सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा। आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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